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लेखनी कविता -10-Jan-2024



सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन,
तत्पश्चात "लेखनी मंच" को नमन,
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधि जनों को नमन,
विधा -- गीतिका छंद
मापनी -- २१२२ २१२२, २१२२ २१२ 
यति -- विषम चरण १४ मात्राएं
विराम -- सम चरण १२ मात्राएं
विषय:- 🌹विश्व हिन्दी दिवस🌹
दिनांक -- १०.०१.२०२४
दिन -- बुधवार 
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विश्व में  हिन्दी  दिवस का, मान होना  चाहिए।
बोलने का  हम  सभी को, ज्ञान होना  चाहिए।।
इक यही  भाषा हमें तो, सीख  देती  ज्ञान की।
हिन्द प्यारी  यूँ लगे जस, राम प्यारी  जानकी।।


सरल वाणी  सी लगेगी, बोल कर तो  देखिए।
ना कभी  भारी  लगेगी, तोल  कर तो  देखिए।।
वे  बहुत  नादान  हैं  जो, बोलते  हिन्दी  नहीं।
राज  रानी  तो  लगे  पर, माथ पे  बिन्दी नहीं।।


ना करो तुम काम ऐसा, हिन्द का अपमान हो।
श्रेष्ठ  भाषा  रूप  हिन्दी, विश्व  में  सम्मान हो।।
हिन्द का  सम्मान हिन्दी, विश्व में  गुणगान हो।
विश्व में अपनी अलग ही, इक नई पहचान हो।।


क्यों नहीं  हिन्दी  बनेगी, राष्ट्र भाषा  हिन्द की।
एक दिन  हिन्दी बनेगी, विश्व भाषा  हिन्द की।।
आज हम ये  प्रण करेंगे, काम  हिन्दी में  करें।
विश्व में सब  लोग अपना, नाम हिन्दी  में करें।।


                🙏🌷 मधुकर 🌷🙏

(अनिल प्रसाद सिन्हा 'मधुकर', जमशेदपुर, झारखण्ड)
(स्वरचित मौलिक रचना, सर्वाधिकार ©® सुरक्षित)

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4 Comments

Sushi saxena

16-Jan-2024 08:32 PM

Nice

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Gunjan Kamal

13-Jan-2024 03:55 PM

👏👌

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नंदिता राय

12-Jan-2024 08:28 PM

Nice one

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